इस्लाम में महिलाओं की स्थिति
इस्लाम में महिलाओं या किसी भी विषय पर क्या सही है अथवा क्या नहीं इसके लिए नैतिकता या अपनी बुद्धि का प्रयोग करने की अनुमति नहीं है । इस्लाम में नैतिकता से धर्म ग्रंथों का विवेचन नहीं होता है वरन् कुरान व हदीस में जो लिखा है वह स्वयं नैतिकता का सबसे बड़ा प्रमाण है । कुरान व हदीस मे लिखी हर बात सत्य है । हो सकता है कि हिन्दुओं के ग्रंथों में भी स्त्री के लिए यही सब कुछ लिखा हो पर विषय यह है कि क्या हिन्दू अपने धर्म ग्रंथों पर आंख बंद कर विश्वास करते हैं । हिन्दू अपने धर्म ग्रंथ की किसी भी बात को अपनी बुद्धि पर कस कर ही उस को मानते हैं यही कारण है भारत में स्त्री की दशा को उन्नत करने के लिए कई कानून संसद द्वारा बनाए जा चुके हैं । परन्तु इस्लाम में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है । मुसलमानों कहते हैं कि कुरान व हदीस में किसी भी संशोधन की कोई जरूरत नहीं है । इस्लाम का एक मात्र ध्येय सारी दुनिया को मुसलमान बनाना है । इसीलिये इस्लाम द्वारा हिन्दु महिलाओ के लिये लविग जेहाद चलाया जा रहा है। कोई भी हिन्दू लड़की मुस्लिम बनने से पहले इस लेख को अवश्य पढ़ें गर्भ निरोधक हराम सामान्य व्यक्ति भी यह अंद...