अंबेडकर को ले कर आम जनमानस में कुछ प्रचलित मिथक

 मेरा उद्देश्य अम्बेडकर जी पर टिप्पणी नहीं बल्कि वामपंथियों द्वारा उनके बारे में फैलाये गए झूठ और आडम्बर को सही मायने में जानने का है। अम्बेडकर से जुड़े हुए कुछ तथ्यों को जानिये..


1-मिथक-अंबेडकर जी बहुत मेधावी थे।


सच्चाई - अंबेडकर ने अपनी सारी शैक्षणिक डिग्रीयां तीसरी श्रेणी में पास की।

भीम एक औसत छात्र था, उसने 750 में से 282 अंक प्राप्त किए थे, उसका उच्चतम स्कोर फारसी भाषा में था।


Source: Dhananjay Keer, Dr. Ambedkar: Life and Mission, Bombay: Popular Prakashan, 1954, page 19Weblink. https://archive.org/details/dli.bengal.10689.12635/page/n7/mode/2up


2-मिथक -अंबेडकर बहुत गरीब थे!


सच्चाई -जिस जमाने में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमाने में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है वह भी कोट पैंट में! 

उनके पूर्वजों ने कंपनी की सेना में सेवा के लिए अपने वंशानुगत व्यवसाय को छोड़ दिया था, ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के शुरू होने से, उनके पिता ने भी परिवार की परंपरा का पालन किया और सेना में सेवा की मांग की। वह एक अधिकारी के पद तक पहुंचे, और जब वह सेवानिवृत्त हुए तो एक सूबेदार थे।


Source:Waiting for a Visa, Page 665 WebLink. https://www.mea.gov.in/Images/attach/amb/Volume_12.pdf


जब लाखों भारतीय भुखमरी से मर रहे थे, तो उनका परिवार एक नए स्थान पर जाने के लिए बड़ी तैयारी करने में व्यस्त था। यात्रा के लिए अंग्रेजी की नई शर्ट [= स्टाइल], चमकीली बेज्वेल्ड कैप, नए जूते, रेशम से बने हुए धोती [= लिपटे हुए निचले वस्त्र] बनाए गए। उनके पिता ने उन्हें उनकी यात्रा के संबंध में सभी विवरण दिए थे, और उनसे कहा था कि वे उन्हें सूचित करें कि वे किस दिन शुरू कर रहे थे, ताकि वह अपने चपरासी [= ग़ैर-धावक] को हमसे मिलने और हमें लेने के लिए रेलवे स्टेशन भेज सकें। कोरेगाँव को


Source:Waiting for a Visa, Page 666 

WebLink. https://www.mea.gov.in/Images/attach/amb/Volume_12.pdf


3-मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को पढ़ने का अधिकार दिया !


सच्चाई -अंबेडकर के पिता जी खुद उस ज़माने में आर्मी में सूबेदार मेजर थे!


4-मिथक- अंबेडकर को पढ़ने नहीं दिया गया।


सच्चाई -उस जमाने में अंबेडकर को गुजरात बढ़ोदरा के क्षत्रिय राजा सीयाजी गायकवाड़ ने स्कॉलरशिप दी और विदेश पढ़ने तक भेजा और ब्राह्मण गुरु जी ने अपना नाम अंबेडकर दिया।13 साल की उम्र में वह एलफिन्स्टन, मुंबई में सरकारी मिशनरी स्कूल में चले गए और वहां के एक लोते अछूत छात्र बन गए।

 (क्या कोई कल्पना कर सकता है, वह मिशनरी स्कूल में अछूत थे?)


5-मिथक- अंबेडकर ने नारियों को पढ़ने का अधिकार दिया!


सच्चाई- अंबेडकर के समय ही 15 पढ़ी लिखी औरतों ने संविधान लिखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया!


https://zeenews.india.com/hindi/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/trending-news/26-january-these-15-women-also-had-an-important-role-in-indian-constitution-making-mpap/835311


https://www.myindiamyglory.com/2017/08/18/women-empowerment-ancient-india-current-times/


6- मिथक-अंबेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे!


सच्चाई -अंबेडकर ने सदैव अंग्रेजों का साथ दिया भारत छोड़ो आंदोलन की जम कर खिलाफत की अंग्रेजो को पत्र लिखकर बोला कि आप और दिन तक देश में राज करिए उन्होंने जीवन भर हर जगह आजादी की लड़ाई का विरोध किया


https://threader.app/thread/1117417838724009985



7-मिथक -अम्बेडकर बड़े शक्तिशाली थे!


सच्चाई- 1946 के चुनाव में पूरे भारत भर में अंबेडकर की पार्टी की जमानत जप्त हुई थी


https://mumbaimirror.indiatimes.com/opinion/columnists/ajit-ranade/when-ambedkar-lost-election/articleshow/68855778.cms


8-मिथक-अंबेडकर ने अकेले आरक्षण दिया!


सच्चाई- आरक्षण संविधान सभा ने दिया जिसमे कुल 389 लोग थे अंबेडकर का उसमें सिर्फ एक वोट था आरक्षण सब के वोट से दिया गया था। आरक्षण के भी जनक आंबेडकर नही बल्कि कोल्हापुर के राजा साहूजी महराज थे। 


https://www.google.com/amp/s/www.livemint.com/Leisure/PLkr7jdpCeZepho8RMVJbN/Rajarshi-Shahu-Chhatrapati-of-Kolhapur-a-reformer-ahead-of.html%3ffacet=amp


9-मिथक-अंबेडकर बहुत विद्वान था।


सच्चाई-अंबेडकर संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।स्थाई समीति के अध्यक्ष परम् विद्वान डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी थे।


https://react.etvbharat.com/hindi/delhi/bharat/bharat-news/dr-rajendra-prasad-never-received-the-requisite-respect-for-constitution-making/na20191126072400809


10-मिथक-अंबेडकर राष्ट्रवादी थे।


सच्चाई- ऐसा कुछ भी नही हे। भारत में अंग्रेज़ी राज के कट्टर समर्थक थे। अंग्रेजो के सामने अलग दलितिस्थान की मांग तक रखी थी। जिस साइमन कमीशन के विरोध में लाला लाजपत राय, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और नजाने कितने क्रांतिकारीयो ने अपने जीवन का बलिदान दे दीया उसके सदस्य भी थे।  


http://pralay242.blogspot.com/2018/05/blog-post_83.html?m=1



11-मिथक-अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा।


सच्चाई-जो संविधान अंग्रेजों के1935 के मैग्नाकार्टा से लिया गया हो और विश्व के 12 देशों से चुराया गया है उसे आप मौलिक संविधान कैसें कह सकते है? संविधान मूलतः बीएन राऊ द्वारा बनाए गए constituton ड्राफ्ट पर बना है। बाद में इसी ड्राफ्ट में कुछ बदलाव कर हमारे देश की संविधान की नीव रखी गई थी। 


https://youtu.be/4zxWLQqi1as


इसके इलावा खुद आंबेडकर भी जानते थे कि उन्होंने संविधान नही लिखा इसीलिए उन्होने स्वयं ही संविधान जलाने की बात की थी। 


https://www.google.com/amp/s/www.thequint.com/amp/story/news/india/father-of-the-indian-constitution-dr-ambedkar-wanted-to-burn-it


https://www.google.com/amp/s/www.thequint.com/amp/story/voices/opinion/why-ambedkar-did-not-like-indian-constitution


12-मिथक- आरक्षण को लेकर संविधान सभा के सभी सदस्य सहमत थे।


सच्चाई- इसी आरक्षण को लेकर सरदार पटेल से अंबेडकर की कहा सुनी हो गई थी। पटेल जी संविधान सभा की मीटिंग छोड़कर बाहर चले गये थे बाद में नेहरू के कहने पर पटेल जी वापस आये थे।सरदार पटेल ने कहा कि जिस भारत को अखण्ड भारत बनाने के लिए भारतीय देशी राजाओं, महराजाओं, रियासतदारों, तालुकेदारों ने अपनी 546 रियासतों को भारत में विलय कर दिया जिसमें 513 रियासतें क्षत्रिय राजाओं की थी।इस आरक्षण के विष से भारत भविष्य में खण्डित होने के कगार पर पहुंच जाएगा।


https://www.asian-voice.com/Opinion/Columnists/Sardar-Patel-An-Opponent-of-Reservations


https://www.counterview.net/2018/10/when-sardar-patel-opposed-reservation.html?m=1


13-मिथक-अंबेडकर स्वेदशी थे।


सच्चाई-देश के सभी नेताओं का तत्कालीन पहनावा भारतीय पोशाक धोती -कुर्ता, पैजामा-कुर्ता, सदरी व टोपी,पगड़ी, साफा, आदि हुआ करता था।गांधी जी ने विदेशी पहनावा व वस्तुओं की होली जलवाई थी।यद्यपि कि नेहरू, गाधीं व अन्य नेता विदेशी विश्वविद्यालय व विदेशों में रहे भी थे फिर भी स्वदेशी आंदोलन से जुड़े रहे।अंबेडकर की कोई भी तस्वीर भारतीय पहनावा में नही है।अंबेडकर अंग्रेजिएत का हिमायती था।

https://www.pinterest.com/jugsewell/dr-babasaheb-ambedkar/


अंत में कहना चाहता हूं कि अंग्रेज जब भारत छोड़ कर जा रहे थे तो अपने नापाक इरादों को जिससे भविष्य में भारत खंडित हो सके के रुप में अंग्रेजियत शख्सियत अंबेडकर की खोज कर लिए थे।


मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाना नही बल्कि सच्चाई बयां करने की कोशिश करना है।तथ्यों की जानकारी स्वयं भी प्राप्त कर सकते है। सादर धन्यवाद पढ़ने के लिए !!🥀🌹🙏🙏

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