बौद्ध तंत्र में जीव पर काबू करने के लिऐ उसी को मार कर उसका मांस खाने का विज्ञान । बौद्ध धर्म का पाखंड।

 हिंदू पाखंडी हे। हिंदू अमानवीय है। हिंदू पशुओं की बलि देते हे अपने भगवानों को खुश करने के लिए। आए दिन आप नव बौद्धों के इस तरह के आक्षेप हिंदुओ पर देखते और सुनते रहते होंगे। लेकिन आज हम इनके कथित मानवीय धर्म का सच बताएंगे की केसे इनके ग्रंथ विशेष कर के तंत्र ग्रंथ खुद ऐसे ही कथानको से भरे पड़े हे जहा जीवो को अपने वश में करने के लिए ये लोग उन्ही का मांस खा जाते थे। 


पहला प्रमाण हम बौद्ध तंत्र ग्रंथ चक्रसर्व तंत्र से दिखा रहे हे जिसके ग्यारहवे अध्याय में बुद्ध को अपने वश में करने के लिए बीफ और शराब की आहुति देने को कहा गया हे। 

इसी अध्याय पर टिका लिखते हुए वीर वज्र भी लिखते हुए इस बात पर सहमति जताते है। 
एक अन्य बौद्ध तांत्रिक ग्रंथ हेय वज्र तंत्र के सातवे और ग्यारवे अध्याय में मनुष्यों के मांस भक्षण की बात की गई है। 
इसी चक्र सर्व तंत्र के इक्कीसवे अध्याय में विश्व को अपने कब्जे में करने के लिऐ कुत्ते,सुवर और जिनके सुनहरे पंख होते हे उनके मांस की आहुति देने को कहा गया हे। 
इनके अलावा हेय वज्र तंत्र में भी प्राणियों को अपने वश में करने के लिए उनका मांस भक्षण करने को कहा गया हे। 
यहां पर पाठक ये न समझे कि ये लोग केवल जानवरो का मांस खाते थे। बल्कि ये लोग इतने वेश्यि हो गए थे कि बचों तक का अगवा कर उनके मांस की बलि चढ़ाया करते थे। और हिंदू ब्राह्मणों को भी अपने वश में करने के लिए उनके मांस खा जाते थे। 

- The blue annals, page no. 696 - 697


- Power Objects in Tibetan Buddhism Chapter 1 Page No 58 


तो पाठक गण देख और पढ़ सकते है केसे हिंदुओ पर अमानवियकता का आरोप मढ़ने वाले खुद कितने बड़े वाले नर भक्षि थे। तो ऐसे नर भक्षियो से थोड़ी दूरी बनाए रखे। क्या पता 
आपकी नस्ल को वश में करने के लिए आपको ही मार कर खा जाए। तो ऐसे लोगो से उचित दूरी बना कर ही उन्हें सत्य का आइना दिखाते रहिए। 

जय श्री राम। 

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