मुहम्मद की मौत आयशा के साथ सम्भोग करते समय हुई थी

 मरते समय उसने कलमा नहीं पढ़ा थाइस बात के प्रमाण हैं की मुहम्मद की मौत सेक्स की अधिकता से हुई थी हदीस-इब्ने हाशाम -पेज ६८२

इन से रवायत है की “मैंने आयशा से सुना की जिस दिन नबी की मौत हुई थी ,उस दिन उनके सस्थ सोने की मेरी बारी थी.सम्भोग करने के बाद उनकी मौत मेर घर में हुई थी .मरते वक्त उनका सर मेरे सीने पर था.

मैं उनकी मौत के लिए खुद को दोषी मानती हूँ.’

आयशा ने कहा की जिस समय अल्लाह ने रसूल को उठाया था,उनका सर मेरी गर्दन के पास था,और वह मुझे चूम रहे थे,उनका थूक मेर थूक से मिल रहा था. उनकी मौत के लिए मैं खुद को जिम्मेदार मानती हूँ,उस समय मेरी किशोरावस्था थी.मैं नादाँ थी मैं तो नबी को और उत्तेजित करना चाहती थी. और कामक्रीड़ा में उनका सहयोग करना चाहती थी.लेकिन अनुभव हीनता के कारण मुझे पता नहीं था किजब कोई बूढा और बीमार व्यक्ती किसी एक जवान औरत के साथ जंगली की तरह संसर्ग करता है ,तो क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं .वरना मैं उनको रोक लेती.

मैंने उस वासना के चरम आनंद के क्षण पर उनको रोकना उचित नहीं समझा.मैं देखती रही,वह मेरी छाती पर लुढ़क गए .

आयशा ने कह कि ,मरते समय नबी ने कलमा नही पढाथा क्योंकि उस समय उनकी जीभ मेरे मुंह के अन्दर थी. सही बुखारी -खंड ७/किताब६२/हदीस१४४

जब नबी मरे तो उनका शरीर अकड़ गया था,और फूल गया था.मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि इस दशा में क्या करना चाहए था. दाउद-किताब२० नंबर ३१४७

अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास कहते हैं कि नबी कि लाश को तीन कपड़ों में लपेटा गया था जो नाजरान के बने थे.इन्हीं कपड़ों में उन्हें दफनाया गया था.

यह लेख आयेशा अहमद के अंगरेजी लेख पर आधारित है.आयशा अहमाद ईरानी

बी एन शर्मा


पूरे यहूदी कबीले के मर्दों को मार कर माल असबाब औरतों की लूट के बाद जब मोहम्मद को बताया गया कि “सफिया” नाम की तेज तर्रार जवान औरत कोई और अपने साथ ले जा रहा है जो “आपके” काबिल है तो किसी और को सफिया ले जाने का हुक्म बदल दिया गया और सफिया हरम में शामिल की गई।


 


इस सफिया ने खाने में ज़हर मिला दिया जिससे “हुजूर” की ऐसी तबीयत बिगड़ी कि जिबरील से लेकर अल्लाह के तमाम फरिश्ते और तमाम जिन्नात, हकीम, झाड़फूंक करने वाले हार गए और सफिया भोली सी होकर कहती रही कि “अगर तुम सच्चे पैगंबर हो तो ज़हर से मरोगे नहीं और झूठे हो तो मेरे घरवालों की हत्या का बदला तुम्हारी मौत से ही चूकता है।” यहूदियों ने अनेक बार सवाल किए जिनके जवाब “सिर्फ अल्लाह जानता है” या ऐसे दिए कि उन्हें यकीन हो गया कि पैगंबर “फेक” या फेंकू है और यहूदी पत्नी तो साबित कर ही दिया कि पैगंबरी झूठी थी।

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