इस्लाम के उदय के कारण हुआ ईरान से बौद्ध धर्म का नाश

दूसरी शताब्दी में बौद्ध मत ईरान में फैल चुका था, अब ईरान में 224 AD में सस्सनिद साम्राज्य आ चुका था जिन्होंने पारसी मत को अपने साम्राज्य का राष्ट्रीय मत घोषित कर दिया था जिसकी वजह से उन्होंने बौद्धों के कई सारे धर्म स्थलों का नाश कर दिया परंतु फिर भी पूर्व में कई सारे धर्म स्थल बज गए थे जो बाद में पांचवीं सदी में हूणों द्वारा नष्ट किए गए [ Source 1] अब इसके कई सालों बाद ईरान पर अरब के मुसलमानों का कब्जा हो गया जिसके बाद ईरान से बौद्ध मत कर संपूर्ण नाश हो गया । अरब के मुसलमानों ने बौद्ध मत को अफगानिस्तान और ईरान से समाप्त कर दिया हालांकि कुछ जगहों पर बौद्ध मत आठवीं नौवीं सदी तक बज गया था । [ Source 1 ] ईरान के राजा हुलगु खान ने बौद्ध मत अपना लिया और हुलगु खान के काल से 1295AD तक राष्ट्रीय धर्म बौद्ध मत रहा परंतु 1295 में मंगोल के राजा महमूद ग़ज़ान जिन्होंने बचपन में बौद्ध मत की शिक्षा ली थी परंतु बाद में इस्लाम अपना लिया था उन्होंने ईरान में बौद्ध मत पर रोक लगा दी, बौद्धों की मूर्तियां और मंदिरों का सर्वनाश कर दिया और उन्हें ईरान से बाहर किसी बौद्ध देश में जाने को कहा, इस तरह ईरान से बौ...