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Showing posts from October, 2021

जिहाद का कार्य रूप में स्वरूप

 भारत पर राज्य करने वाले मुस्लिम शासक, भूमण्डल के विभिन्न युगों, वंशों, और क्षेत्रों से सम्बन्धित थे। उनकी भाषायें भिन्न थीं किन्तु उनके व्यवहार का प्रारूप् पूर्णतः एक समान था और वह अब भी है। इस चमत्कारिक व्यवहार की एकरूपता, का कारण कुरान, हदीस, सुन्नाह आदि में ही निहित है जिन्हें कि वे गर्व के साथ न केवल उद्धत करते हैं बल्कि अनुसरण भी करते हैं। इस्लामी पंथ के दो पहलू हैं। एक है सैद्धान्तिक पक्ष जो कि इस्लामी धर्म ग्रन्थों, कुरान (अल्लाह के इलहाम या प्रगटीकरण), हदीसों (पैगम्बर के कर्म और वचन) और सुन्नाह (पैगम्बर द्वारा बनाये नियम) द्वारा प्रतिपादित है। दूसरा पक्ष है जिहाद यानी कि इस्लामी धर्म युद्ध। ये दोनों पक्ष आपस में पूरी तरह जुड़े हुए हैं और यह पवित्र कुरान ही है जो कि अल्लाह के मार्ग में अल्लाह के लिए इस्लामी संघर्ष, ”जिहाद” करने को प्रेरित तथा निर्देश करता है, मार्गदर्शन् करता है। आज भूमण्डल के सभी प्रबुद्ध नागरिक, विभिन्न भागों में बोस्नियाँ से लेकर फिलिपाइन तक, चैचिनियाँ से लेकर कश्मीर तक, रह रहे हैं, अरबी शब्द ”जिहाद”, से किसी न किसी मात्रा में परिचित हो चुके हैं, और कुछ न कु

कुरआन का आदेश

 यह कुरआन के आदेश हैं !मान लो !वरना …..!! इस्लाम शान्ति का धर्म है .और मानवमात्र के कल्याण की कामना रखता है.कुरआन लोगों में भाईचारा फैलाना चाहता है.कुरान लोगों को अत्याचार और अन्याय से मुक्ति दिलाता है.ताकि विश्व के सारे लोग बिना भेदभाव के सुख शान्ति से जी सकें. इसीलिए अल्लाह ने अपने प्यारे अंतिम रसूल मुहम्मद को कुरआन देकर दुनिया में भेजा था.कि वह कुरआन का शान्ति सन्देश दुनिया भर में पहुंचा दे.और मुहम्मद के बाद यह काम मुसलमान करते रहें. इसी कुरआन के ऊपर फ़िदा होकर लाखों लोग इस्लाम कबूल कर रहे हैं .और दुनिया के कोने कोने में शान्ति फैला रहे हैं.जैसा कि हम रोज अखबारों में पढ़ रहे हैं और टी वी में देख रहे हैं .आखिर कुरआन की शिक्षा में क्या है ,आप इसके कुछ नमूने देखिये – 1 -गैर मुसलमानों पर रौब डालो ,और उनके सर काट डालो . काफिरों पर हमेशा रौब डालते रहो .और मौक़ा मिलकर सर काट दो .सूरा अनफाल -8 :12 2 -काफिरों को फिरौती लेकर छोड़ दो या क़त्ल कर दो . “अगर काफिरों से मुकाबला हो ,तो उनकी गर्दनें काट देना ,उन्हें बुरी तरह कुचल देना .फिर उनको बंधन में जकड लेना .यदि वह फिरौती दे दें तो उनपर अहसान द

कुरान को किसने बनाया था?

 मुसलमान कुरआन को अल्लाह की किताब यानि ईश्वरीय पुस्तक बताते हैं .और दावा करते हैं कि इसको बनाने वाला मुहम्मद या कोई इंसान नहीं है .जबकि इस बात के कई प्रमाण है कि कुरान के अलग अलग हिस्सों की रचना कई लोगों के द्वारा अलग अलग समय पर की गयी थी .उन्हीं में से एक व्यक्ति मुहम्मद का उस्ताद “वरका बिन नौफल “भी था .जिसने कुरआन की कई सूरतें (अध्यायों )की रचना की थी .ऐसी ही एक सूरा 19 मरियम भी है .कुरान के गुप्त अक्षरों को खोलने (Decifer ) करने पर कुरान की इस सूरा के लेखक का पता चल गया है .इसके सबूत दिए जा रहे हैं – अक्सर देखा गया है कि,जब ऎसी किसी महत्वपूर्ण बात को छुपाने की जरूरत होती है तो लोग तरह तरह के गुप्त संकेतों (Code Languages ) का प्रयोग करते हैं .कई बार इस विधि का उपयोग युद्ध के समय किया जाता है ,या लोगों की बुद्धि की परीक्षा के लिए पहेलियों की तरह प्रयोग किया जाता है .ग्रीक ,यहूदी ,ईसाई इस विधि का प्रयोग अक्सर करते आये हैं .क्योंकि इनकी वर्णमाला (Alphabets ) हरेक अक्षर की एक संख्यात्मक कीमत (Numerical Value ) निर्धारित होती है .अर्थात हरेक अक्षर (letter ) एक संख्या (Number )को दर्शाता

लौंडियों का क्या करें ?यह कुरआन बताती है !

 आप इस शब्द को कूई गाली या अपशब्द नहीं समझें .यह तो कुरआन का एक पारिभाषिक शब्द है .जो कुरआन के हिन्दी अनुवाद के साथ दी गयी पारिभाषिक शब्दावली के पेज नंबर 1293 पर “लौंडी ‘शब्द के बारेमे अभिप्रेत किया गया है .लौंडी वह औरतें होती हैं ,जिन्हें जिहादी युद्ध में पकड़ लेते हैं ,या अगवा कर लेते हैं .बाद में यातो उन औरतों से जबरन शादी कर लेते हैं ,या बलात्कार करके बेच देते है .अगर इस्लामी राज होता हो तो औरतों को मुसलमानों में बाँट दिया जाता है . जिहाद के बारे में कुरआन में यह कहा गया है – 1 -अल्लाहको मुसलमानों का जिहाद करना हरेक चीज से जादा प्यारा लगता है .सूरा -अत तौबा 9 :24 2 -अल्लाह उन लोगों से प्यार करता है ,जो पंक्ति बनाकर क़त्ल करते हैं सूरा-अस सफ़ 61 :4 जिहाद अल्लाह की नजर में एक धार्मिक कार्य है .जिसे अल्लाह पसंद करता है .जिहाद में धन दौलत के साथ औरतें भी लूटी जाती हैं .लूट कू इस्लाम में “माले गनीमत “कहा जाता है .कुरआन में लूटी गयी और पकड़ी गयी औरतों के लिए अरबी में जो शब्द दिए गए है वह हिन्दी ,अंगरेजी ,और अरबी के साथ कुरआन के हवाले से दिए जा रहे है 1 -सूरा -अल मोमनीन 23 :6 मलिकत ईमानुक

मुहम्मद की मौत आयशा के साथ सम्भोग करते समय हुई थी

 मरते समय उसने कलमा नहीं पढ़ा थाइस बात के प्रमाण हैं की मुहम्मद की मौत सेक्स की अधिकता से हुई थी हदीस-इब्ने हाशाम -पेज ६८२ इन से रवायत है की “मैंने आयशा से सुना की जिस दिन नबी की मौत हुई थी ,उस दिन उनके सस्थ सोने की मेरी बारी थी.सम्भोग करने के बाद उनकी मौत मेर घर में हुई थी .मरते वक्त उनका सर मेरे सीने पर था. मैं उनकी मौत के लिए खुद को दोषी मानती हूँ.’ आयशा ने कहा की जिस समय अल्लाह ने रसूल को उठाया था,उनका सर मेरी गर्दन के पास था,और वह मुझे चूम रहे थे,उनका थूक मेर थूक से मिल रहा था. उनकी मौत के लिए मैं खुद को जिम्मेदार मानती हूँ,उस समय मेरी किशोरावस्था थी.मैं नादाँ थी मैं तो नबी को और उत्तेजित करना चाहती थी. और कामक्रीड़ा में उनका सहयोग करना चाहती थी.लेकिन अनुभव हीनता के कारण मुझे पता नहीं था किजब कोई बूढा और बीमार व्यक्ती किसी एक जवान औरत के साथ जंगली की तरह संसर्ग करता है ,तो क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं .वरना मैं उनको रोक लेती. मैंने उस वासना के चरम आनंद के क्षण पर उनको रोकना उचित नहीं समझा.मैं देखती रही,वह मेरी छाती पर लुढ़क गए . आयशा ने कह कि ,मरते समय नबी ने कलमा नही पढाथा क्योंकि

बलात्कारी रसूल :इस्लामी बलात्कार विधि

 सम्पूर्ण इस्लाम केवल इन पांच शब्दों में समाहित है .अय्याशी ,आतंक ,बलात्कार ,लूट और ह्त्या.केवल इन्हीं शब्दों से आप इस्लाम को आसानी से समझ सकते हैं मुसलमान सही कहते हैं कि मुहम्मद जैसा (xxx )कोई न तो हुआ है और न होगा .मुहम्मद इन शब्दों का साक्षात स्वरूप है .अपनी ग्यारह पत्निया और कई रखेलों के अलावा कई दासियों से भी उसकी वासना शांत नहीं होती थी .और मरते दम तक बनी रही ,इसके लिए वह अक्सर “गज़वा”यानी लूट पर निकल जाता है .और लोगों से कहता था कि मुझे अभी अभी अल्लाह का आदेश मिला है .लोग धन और औरतों के लालच में इस गज़वा में शामिल हो जाते थे .मुहम्मद ने ऐसे कई गज़वा यानी लूट अभियान किये थे .हम एक का विवरण दे रहे हैं – 1 -मुहम्मद को औरतें क्यों चाहिए थीं “अबू हुरैरा से रिवायत है ,रसूल ने कहा औरतें चार कारणों से पकड़ी जाती हैं ,उनका धन (कीमत )उनका खानदान (प्रतिष्ठा बढ़ने हेतू )उनकी सुन्दरता (अय्याशी के लिए )और उनका धर्म .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 27 मुहम्मद जब भी लूट पर जाता था ,तो उसका लक्ष्य धन के साथ औरतें भी थीं इसके लिए वह निर्दोषों की ह्त्या तक करवा देता था . 2 -बनू कुरैज़ा हत्याकांड सन

देवी दुर्गा की मूर्तियों की प्राचीनता

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 Ankit Jaiswal (Sandeep) 's Reserch.. यूँ तो भारतीय क्षेत्र में प्रजनन की देवी के दृष्टि से मातृदेवी की पूजा के साक्ष्य पाषाण काल से ही मिलने शुरू हो जाते हैं लेकिन इनकी पूजा-उपासना के पूर्णतः सबूत हम सिन्धु सभ्यता की कला में देख सकते हैं। हम बात करें वर्तमान में लोकप्रिय देवी महिषासुरमर्दिनी दुर्गा की तो इनकी प्राचीनतम मूर्ति जो हमें पुरातत्व से मिली है वह पहली सदी ई0पू0 से पहली सदी ई0 के बीच की है यानी कि आज के 2000-2100 साल पहले की। यह प्रतिमा सोंख नाम के जगह से एक ऐप्साइडल मंदिर के खंडहरों में मिली है। इसी मंदिर के खंडहरों से एक पत्थर की पट्टिका भी मिली है जिस पर मातृदेवी की मूर्ति उकेरी गई है। संभावना है कि यही पट्टिका की मातृदेवी सोंख के मंदिर संख्या-1 की अधिष्ठात्री देवी थीं। इसके पुरातात्विक सबूत को और अधिक प्रमाणित करने के लिए हमारे पास कुषाण कालीन सिंहवाहिनी चार भुजाओं वाली देवी महिषासुरमर्दिनी की मूर्ति भी उपलब्ध है। ऐसी ही चार हाथों या छः हाथों वाली देवी मूर्ति पुरातत्व में पहली सदी के बाद से ही मिलनी शुरू हो जाती हैं जिनका विकसित रूप हमें गुप्तकाल मे देखने को मिलता है

आदम ने की अपनी ही बेटी से की शादी........फिर इनके बचे क्यों ब्रह्मा सरस्वती विवाह पर उछल कूद करते है

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  दोस्तो इस ब्लॉग पर हमने पहले ही ब्रह्मा और सरस्वती विवाद पर बौद्धों को उन्ही के भाषा में जवाब दे चुके हे। आज हम आदम की संतानों अर्थात उन मुस्लिम और इसाई लोगो को जवाब देंगे जो ब्रह्मा ने अपनी ही बेटी सरस्वती से विवाह किया था जेसी झूठी और भ्रामक कथा का प्रचार कर के हिंदू धर्म पर आक्षेप कर रहे हे।  सबसे पहले ब्रह्मा सरस्वती विवाद का खंडन देख लीजिए।  1. Puranic Story on Brahma's Daughter Explained  https://youtu.be/ZQ626CC080s 2. Christianity lie about Hindu God Brahma... https://youtu.be/p4mMmzpC7Yw 3. #Thread on All misunderstanding & Wrong information about maa sarswati  https://threadreaderapp.com/thread/1321421358618742784.htm 4.Hindu god Brahma married his daughter Sarswati?| Incest |Misconception | Explained by Neeraj Atri https://youtu.be/DJCmxuzSAZw तो जैसा की अब प्रमाणित हे की न सरस्वती ब्रह्मा की पुत्री हैं और न ही ब्रह्मा ने अपनी किसी पुत्री के साथ कोई विवाह किया था। जिसके प्रति ब्रह्माजी आकर्षित हुए थे वोह शतरूपा थी ना की देवी सरस्वती जिनका जन्म से ब्रह्मा के मन की श

Adam married his own daughter......Then why do their children stick their legs on the marriage of Brahma Saraswati?

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Friends, on this blog, we have already given an answer to the Buddhists on the Brahma and Saraswati dispute in their own language. Today we will answer the children of Adam i.e. Muslim and Christian people who are attacking Hinduism by spreading false and misleading story like Brahma married his own daughter Saraswati. First of all see the refutation of Brahma Saraswati controversy. 1. Puranic Story on Brahma's Daughter Explained  https://youtu.be/ZQ626CC080s 2. Christianity lie about Hindu God Brahma... https://youtu.be/p4mMmzpC7Yw 3. #Thread on All misunderstanding & Wrong information about maa sarswati  https://threadreaderapp.com/thread/1321421358618742784.htm 4.Hindu god Brahma married his daughter Sarswati?| Incest |Misconception | Explained by Neeraj Atri https://youtu.be/DJCmxuzSAZw So as it is now proved that neither Saraswati is the daughter of Brahma nor Brahma did any marriage with any of his daughters. To whom Brahma was attracted, it was Shatrupa and not Goddess

जब बुद्ध चमत्कार दिखलाने के बाद भी असफल हुए(विनय पिटक की गप्पें)

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 अम्बेडकरवादी ये दावा करते हैं कि हिन्दू धर्म में देवताओं द्वारा विभिन्न चमत्कार करने का वर्णन होने से हिन्दू धर्म पाखंड है, किन्तु इससे पूर्व कई पोस्टों में हम बौद्ध धम्म में चमत्कार दिखा चुके हैं। आज भी उसी प्रकार बुद्ध द्वारा किये गये 15 चमत्कार दिखा रहे हैं। जिससे सिद्ध हो जाएगा कि चमत्कारों के मामले में बौद्ध धम्म न केवल हिन्दुओं से बल्कि ईसाई और मुस्लिमों से भी आगे है। विनय पिटक के महावग्ग में उरुवेला नामक तीसरे खंड में बुद्ध की एक कथा संकलित है। जिसके अनुसार बुद्ध काश्यप जाटिल नामक एक अग्निहोत्री को विभिन्न चमत्कार दिखा कर प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। वे चमत्कार निम्न प्रकार है - 1 प्रथम चमत्कार - इस चमत्कार का हमने ऊपर चित्र दिया है, जो कि विनय पिटक के अनुवाद का ही है। इसके अनुसार इसमें बुद्ध ने एक नाग को पराजित किया है। हमारे कुछ अम्बेडकरवादी भाई कहते है कि कृष्ण द्वारा कालिया नाग मर्दन की जो कहानी है वो हरक्युलिस द्वारा हाइड्रा नाग के मर्दन की नकल है। अब उन्ही के तर्कानुसार क्यों न ये माना जाये कि यहाँ जो बुद्ध द्वारा नाग का मर्दन किया गया है, ये गप्प भी हरक्युलिस अथवा क

बुद्ध के अनुसार चाण्डालनिषादादि जातियाँ नीच (तम) है।

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  अम्बेडकरवादी नवभौंदू हमेशा ये दावा करते हैं कि हिन्दू ग्रंथों में मनुष्य को वर्णों के अनुसार उच्च और निम्न में वर्गीकृत करके भेदभाव उत्पन्न किया है जबकि बुद्ध सभी मनुष्यों को समान मानते थे, उनमें कुल और जाति के अनुसार उच्च - नीच नहीं मानते थे। जबकि उनका ऐसा दावा केवल उनके रेत में महल बनाने के समान ही है, जो अब इस आंधी में ढैर होने वाला है। बौद्धों के ग्रंथ संयुत्तनिकायपालि के कोसलसंयुत्तं नाम के तृतीय वग्ग में 21 वां अध्याय पुग्गलसुंत्त है, उसमें बुद्ध ने चार पुग्गल बताये हैं, जिनमें प्रथम है - तमोतमपरायनों अर्थात् नीच से नीच गति। इस प्रथम पुग्गल की व्याख्या में बुद्ध ने पुक्कुस, चाण्डाल, वेनकुल, निषाद इन जातियों को तम अर्थात् नीच माना है। इनको देखने में कुरुप, बौना, दुर्वर्ण भी बताया है। इतना ही नहीं बुद्ध ने इनकी तुलना रक्तमिश्रित मल से भी की है। प्रमाण के लिए संयुत्तनिकाय के चित्रों को सलग्न किया गया है - इससे सिद्ध है कि बुद्ध भी कुल और जात्यानुसार उच्च - नीच अर्थात् तम - ज्योति मानते थे। संदर्भित ग्रंथ एवं पुस्तकें -  1)  संयुत्तनिकायपालि - स्वामी द्वारिकादास शास्त्री